अपने जीवन के आखिरी प्रहर में राजेश खन्ना निरा अकेले पड़ गये थे.
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एकनाथ जी महाराज ने कहा हैः ' रात्रि के पहले प्रहर और आखिरी प्रहर में आत्मचिंतन करना चाहिये।
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एकनाथ जी महाराज ने कहा हैः ' रात्रि के पहले प्रहर और आखिरी प्रहर में आत्मचिंतन करना चाहिये।
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मुझे यकीन है एक दिन जी उठेंगे तश्तरी में तर मुर्गे तले-भुने-जले मिर्च-मसालों में लिथड़े मुर्गे एक दिन जरूर बांग देंगे वे नहीं खोजेंगे मुंडेर की निरापद ऊचाई य रात का आखिरी प्रहर या फिर कुछ और ऐन हमारी आंखों के सामने तश्तरियों से धड़ाधड़ उठते हुए मुर्गे पूरी मेज पर कब्जा कर लेंगे